मंगलवार, 17 मार्च 2009

राज पत्रित अधिकारी - न्यूनतम आयु क्या हो

एक राजपत्रित अधिकारी

भारतीय प्राणासनिक सेवाऐं - आज क्या वास्तव में नव नियुक्त आई..एस. अफसर इस कसौटी पर खरे उतरते हैं।क्या वास्तव में उन्हें हर क्षेत्र का विस्तृत या सामान्य अनुभव भी होता है। क्या नई उम्र के आई. .एस. आफीसरको परिवार, समाज या सरकार का अनुभव होता है। क्या वह खुद का घर संभाल सकते हैं जो इस कम उम्र मेंसमाज या देष संभाल लेंगे।

आई..एस. बनने के लिए न्यूनतम उम्र 21 साल है। 20-21 साल में युवक या यूवती एक आई..एस./पी.एस.सी. की परिक्षा पास करके साल-छः महीने की ट्रेनिंग लेकर अफसर बन जाते हैं। यह सच है कि हर कोईयू.पी.एस.सी./पी.एस.सी. की परीक्षा पास नहीं कर सकता है। लाखों में गिने चुने ही यह परिक्षा पास कर सकते हैं।जो पढ़ाई में बहुत ही कुणाग्र होते हैं वही आई..एस. /पी.एस.सी. अफसर बन सकते हैं। लेकिन क्या केवलस्नातक की परीक्षा पास व्यक्ति इस बड़े पद के लिए सर्वोपयुक्त हो सकता है! क्या केवल किताबी ज्ञान हीप्रसाषनिक योग्यता का आधार है। लाखों /करोड़ों लोग जो अन्य प्रतिभाओं के धनी है किन्तु किताबी ज्ञान मेंसामान्य है क्या वे आई..एस. नहीे हो सकते है?

भारतीय संविधान के अनुसार 21 साल से पहले युवक शादी के लिए परिपक्कव नहीं होता है अर्थात 21 साल कीउम्र से 1 दिन पहले भी वह कानूनन शादी नहीं कर सकता है किन्तु भारतीय संविधान की विडम्बना है कि वह इसउम्र में एक आई..एस बन अफसर बन जाता है। क्या इस कम उम्र में वह वाकई आई..एस अफसर बनने केलायक है। किताबी ज्ञान के अलावा इस कम उम्र में उसे समाज, देश का ज्ञान हाता है क्या!

एक तकनीकी पद के लिए बी.एस.सी. के अलावा भी कोई कोई डिप्लोमा अनिवार्य होता है वैसे ही एक आडिटरया अकाउण्टेन्ट बनने के लिए पोस्ट ग्रेडूएट के अलावा भी अकाउन्टस के स्पेणल कोर्स करने पड़ते हैं किन्तु आइ. .एस./पी.एस.सी. के लिए केवल ग्रेजुएशन की जरुरत पड़ती है, आइ..एस./पी.एस.सी. की परिक्षा पास करकेसाल छः महीने की टेªनिंग के बाद प्राणासनिक अफसर बन जाते हैं। वाकई यह बड़े चिन्ता एवं गहन विश्लेषण काविषय है।

आइ एस के लिए न्यूनतम आयु कम से कम 28 से 30 वर्ष एवं अधिकतम 40 से 45 वर्ष होनीे चाहिए। इनप्रणासनिक पदों के लिए ग्रजुएषन के अलावा अन्य क्षेत्रों में आवेदको द्वारा प्राप्त ज्ञान, योग्यताओं को गिना जानचाहिए जैसे कि- सामाजिक योगदान, कला, विज्ञान, समाजिक उपलब्धियां, उच्च योग्यताऐं, डिग्रियां। अगरप्रणासनिक पदों के लिए न्यूनतम उम्र 28 से 30 वर्ष हो जाऐ एवं चयन में सुधार किया जाऐ तो आज की अपेक्षाज्यादा योग्य एवं बुद्धिमान सेवक मिल सकते हैं।

इस लेख का मूल भाव किताबी ज्ञान और योग्यता तथा अनुभव के बीच तर्क वाद विवाद करना है
यहाँ जतिगत या धार्मिक आरक्षण कोई मुद्दा नहीं है और ना हि आरक्षण के पक्ष या विरोध में कोई बात कहे गई है

( सुनील पटेल )


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